आदिवासी समाज के सिख्या और संस्कृत पश्चिम बर्दवान जिला संगठन और से 18 फरवरी 2021 को तिराट ग्राम पंचायत के प्रमुख को एक नोटिस जारी किया गया है। उस नोटिस मैं पहला (1) पश्चिम बंगाल सरकार को संताली भासा को राज्य का दूसरा भाषा के रूप में घोसना करे और जितने भी सरकारी कार्याल का नाम लिखा है उन सबको संताली ओलचिकी भाषा में लिखा जाए। दूसरा (2) ग्राम पंचायत के लेटर पैड में संताली भाषा परंपरा और अलचिकी लिपि की प्रधानता को उजागर करने के लिए लिखा जाना चाहिए। (3) तिरत ग्राम पंचायत आंगनवाड़ी केंद्र हरदांगा दाहरपाड़ा केंद्र (b) हरनपुरा केंद्र (c) हरदांगा बेगुनिया पारा केंद्र (d) रंगाडांगा आंगन पढ़ना के माध्यम से आदिवासी इलाकों को संताली अल्चिकी के माध्यम से पढ़ाई तुरंत शुरू किया जाना चाहिए। हरदांगा आदिवासी अनपेड स्कूल और रंगा अनपेड प्राइमरी स्कूल संताली के माध्यम से पढ़ना तुरंत शुरू किया जाना चाहिए।

(५) हरदांगा विवेकानंद जूनियर हाई स्कूल और चेलोद हाई स्कूल संताली भाषा को पहली भाषा बनाया जाना चाहिए। पश्चिम बर्दवान जिला संगठन और से सौंपने के लिए पश्चिम बर्दवान जिला सचिव शुकु मुर्मू, कोषाध्यक्ष शकुंतला सरन, ननकू सरन, लीलम मुर्मू, लालचंदा चारे और अन्य ग्रामीण मौजूद थे।प्रमुख महाशय लक्ष्मी हेम्ब्रम ने कहा कि उन्हें ज्ञापन मिला है और बीडीओ के साथ चर्चा करेंगे। उसके साथ चर्चा करने के बाद निर्णय लिया जाएगा। इससे पहले मैं कुछ नहीं कह सकता।